देबजानी पाटीकर,गुवाहाटी, 31 मार्च। भारत-भूटान के बीच 266 किमी लंबी अंतरारष्ट्रीय सीमा है, जो पूरी तरह से खुली हुई है। दोनों देशों के बीच खुली अंतरराष्ट्रीय सीमाएं इस बात को रेखांकित करती हैं, कि दोनों देशों के बीच आपसी समन्वय काफी गहरा है। ये बातें भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने शुक्रवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर कही। ज्ञात हो कि 5 दिवसीय नमामि ब्रह्मपुत्र मबोत्सव के शुभारंभ अवसर पर बतौर विशेष अतिथि के रूप में हिस्सा लेते हुए शेरिंग तोबगे ने भूटान के राजा और आम नागरिकों की ओर से इस महोत्सव के लिए बधाई दी। उन्होंने असम और भूटान के आपसी संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि शिल्क का धागा असम में तैयार होता है लेकिन भूटान के घर-घर में भूटान की महिलाएं कपड़ा तैयार करती हैं। असम से हमारी आर्थिक समृद्धि का जुड़ाव है। उन्होंने साथ ही कहा कि असम में प्रसिद्ध व तैयार होने वाले वाद्य यंत्र भोर ताल (बडे आकार का झाल) भूटान के सभी घर व मंदिरों में पाया जाता है।
भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा कि भूटान और भारत 10 नदियों का पानी आपस में बांटते हैं। भूटान से बहकर आने वाले शुद्ध पानी पीने के साथ ही खेती व जल विद्युत प्रकल्प के लिए वरदान है। उन्होंने भूटानी शब्द का उच्चारण करते हुए कहा कि संग्छू यानि संग का अर्थ शुद्ध और छू का अर्थ पानी है। यानि भूटान से शुद्ध पानी असम को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव समय से पहले नहीं हुआ है और ही इसके आयोजन में देरी हुई है। यह सही समय पर हुआ है। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके
कार्यकाल में मिलने का मेरा दूसरा अवसर है। पहली बार बोधगया में तथा दूसरा गुवाहाटी में हुआ है। मैं उनकी (सोनोवाल) की क्षमता से अभिभूत हूं। उनका मंत्रिमंडल इलाके के विकास में अहम योगदान दे रहा है। साथ ही कहा कि हम धार्मिक रूप से भाई हैं। उन्होंने कहा कि नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव
हमारे क्षेत्र की क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रमाणित करने वाला साहित होगा। साथ ही कहा कि भारत व असम की प्रगति का लाभ सीधे पर भूटान और बांग्लादेश को भी मिलेगा। ऐसे में हम असम के विकास को काफी बारीकि से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि असम विकास के क्षेत्र में पूर्वोत्तर का हब बनेगा। ऐसे में पूर्वोत्तर का विकास यानि असम का विकास और असम का विकास
का लाभ हमें भी मिलेगा। उन्होंने इस मौके पर भारत सरकार से गुवाहाटी में भूटान का एक कंसोलेट
स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भूटान असम से सीधे तौर पर जलविद्युत और इंधन प्राप्त करता है, ऐसे में यह भू-भाग हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हमारे बीच बेहतर संबंध हैं। इसका उदाहरण नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव का आयोजित होना है। इस कार्य में उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण व विकास मंत्री डा. महेंद्र सिंह, तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री महबूब अली, जापान व भूटान के कई प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

Post A Comment:

0 comments: