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इतना ही नहीं रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सेना आम लोगों की हत्याएं करती है, उन्हें जिंदा जला देती है। ये युद्ध अपराध के बराबर है। हालांकि दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति सल्वा कीर के प्रवक्ता ने कहा कि वो नियमों के मुताबिक काम करते हैं।
यूएन की इस रिपोर्ट के मुताबिक सेना के साथ सरकार के समझौते में लड़ाकों को कहा गया है कि वो जो कर सकते हैं करें, जो ले जा सकते हैं ले जाएं। इसी समझौते के तहत लड़ाके लड़कियों और महिलाओं को साथ ले जाते हैं। इतना ही नहीं लड़ाके आम लोगों के मवोशी और निजी संपत्ति भी ले जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त जैद राद अल हुसैन के मुताबिक दक्षिणी सूडान में बड़े पैमाने पर यौन हिंसा होती है। ये दुनिया में सबसे जघन्य मानवाधिकारों के हनन में शामिल है।
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